Corona good news and good morning
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Corona live updates and breaking news
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हेलो दोस्तों

- corona से लड़ने के लिए हमारा देश रणनीति बना रहा है ।जिससे हम करोना को हरा सके उसमें सबसे अच्छा डिसीजन रहा की करोना वायरस के लिए टेस्ट किट ,भारत ने पुणे स्थित अपनी लैब में बना ली है।करोना का पता लगाने के लिए सबसे बड़ी बाधा उसके टेस्ट के लिए ही थी सीमित किट होने की वजह से हम क्रोना से लड़ नहीं पा रहे थे ।केवल बहुत ज्यादा गंभीर रोगी के ही टेस्ट किए जा रहे थे ।यदि हम प्राथमिक अवस्था में ही करोना का पता लगा लेते हैं ।तो हम इस बीमारी को आगे बढ़ने से रोक सकते हैं और इलाज भी कर सकते हैं। लेकिन इस समय गंभीर संसाधनों की कमी थी।
- इसलिए हमारे डॉक्टर्स वैज्ञानिकों ने करोना के एलिजासिस्टम से किड तैयार की है ।जिससे हम क्रोना के आई जी जी और आईजीएम एंटीबॉडी का पता लगा सकते हैं। एंटीबॉडी होते हैं किसी भी टेस्ट बीमारी को पता लगाने में सहायक होते हैं ।एलिजा टेस्ट की टेक्निक थी जो आजकल परयोग नहीं होती। लेकिन ज्यादातर टेस्ट उसकी तकनीक पर जाते हैं ।अब जल्दी हम टेस्ट से इसका पता लगा सकते हैं।
- इसके अलावा हमारे पास एक और खुशखबरी ओर है कि सरकार ने प्राइवेट लैब में करोना का टेस्ट किया जाने ने के लिए जो निश्चित किया था जल्द ही भारत की नो प्रमुख लैब इसका टेस्ट कर सकती है ।ज्यादतर लैबके कलेक्शन सेंटर या संग्रहण संस्थान में गली-गली में फैले हैं collection सेंटर मे सैंपल लिये जाते हैं ।जैसे खून या नाक का स्वाब और उसको कल्चर टेस्ट के लिए एक विशेष बॉक्स में रखकर लैब में भेज दिया जाता है ।शुरुआत में का टेस्ट विदेश में करवा रहे थे ।अब यही सुविधा भारत में मिलने वाली है ।इससे हमें समय मिलेगा एवं जल्द से जल्द मरीज का इलाज करा सके ।
- करोना के लिए हाइड्रो chloroquine दवाई प्रयोग जा रही है ।जो रोगी के fever या बुखार को समाप्त कर देती है ।इससे रोगी का इलाज करने में हमें बहुत फायदा होता है ।हालांकि यह दवाई वायरस को नहीं मारती लेकिन रोगी का बुखार उतरने के बाद वायरस को मारना काफी आसान हो जाता है। इसके अलावा वायरस की वैक्सीन और एंटीडोट्स बनाने के खबरें पूरे विश्व से आ रहे हैं ।जैसे चाइना ,ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका ,थाईलैंड इत्यादि अभी वह प्रारंभिक अवस्था में है। इसलिए इसको प्रमाणित औषधि नहीं कहा जा सकता. लेकिन जल्दी हम इसका इलाज करने के लिए प्रयोग करने लग जाएंगे ।
- भारत में बहुत से लोग करोना से पीड़ित हैं और उनको पता भी नहीं है कि उनको करोना नाम की कोई बीमारी है और वह लोग वायरस को अनजाने में एक दूसरे तक पहुंचा रहे हैं। यदि समय पर या समय से पहले रोगी की जांच करके, करोना रोगियों और सामान्य लोगों के बीच फर्क पता कर ले और केवल आइसोलेशन से हम इस बीमारी को हरा देंगे ।
- आइसोलेशन का अर्थ होता है ,आइसोलेट होना यानी अलग-थलग होना। बीमार व्यक्ति को एक कमरे में रखा जाता है और उसको किसी से मिलने नहीं दिया जाता ।ऐसा करने से वायरस शरीर में प्रवेश करके इनको होने तक का 15 दिन का समय एक कमरे में गुजारा जाता है ।यदि व्यक्ति मे वायरस का लक्षण है तो उसका इलाज किया जाता है। इस तकनीक से बहुत ज्यादा दवाइयां और इन्फ्राट्रक्चर का नुकसान नहीं होता और काफी सस्ते में सुलभ इलाज होता है।
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