करोना के साथ जीये

करोना के साथ जीये

 आप यह जुमला कई बार टीवी पर और न्यूज़पेपर में देखा होगा। आप सोच रहे होंगे यह क्या यह संभव है कि हम करो ना के साथ जी सकते हैं ।अभी हमारे पास करोना की दवाई के कोई भी विकल्प नहीं है क्या हम क्रोना के साथ रहे सकते हैं .करोना ने एक महामारी का रूप ले लिया है और संसार से मानव का अस्तित्व समाप्त करने की क्षमता रखता है .उसके साथ जीना कैसा होगा यही सवाल हम सब अपने आप से पूछ रहे हैं ।

करोना के साथ जीये

दोस्तों ऐसा नहीं है कि हमें किसी बीमारी के साथ रहना अभी शुरु करना होगा।  हम तो बीमारियों के आंचल में बरसों से रह रहे हैं ।हमें पता ही नहीं चला कि हमारे आसपास टीवी, रेबीज इनफेक्शन वाले वायरस और किटाणु घूम रहे हैं ।आप कहेंगे इन बीमारियों का इलाज तो संभव है ।लेकिन करोना के आलावा जिन का इलाज संभव नहीं है उसके साथ भी रहते हैं जैसे कुत्ते काटने से होती है लेकिन इसके वायरस बहुत सारे जानवरों के दातों में होता है।

 डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ बीमारियों से घिरा होता है ।वह पूरी आयु बीमारियों के बीच में काम करते हैं ।इसके अलावा कुछ वैज्ञानिक भी वायरस बैकटीया के साथ काम करते हैं ।लेकिन वह इंफेक्शन से कैसे बचे रहते हैं ।
करोना के साथ जीये

इस प्रश्न का उत्तर मेरे इस ब्लॉग का उत्तर है ।

जी हां जब तक कोरोना का कोई इलाज नहीं आता हमें करो ना साथ जीना होगा। हम पूरी उम्र लाकडाउन में रह नहीं सकते हैं। लेकिन करोना के साथ जी सकते हैं। हमें एक डॉक्टर ,पैरामेडिक्स या वैज्ञानिक की तरह अपने आपको ढालना होगा और करोना से बचाव करना होगा।

 यह कोई मुश्किल नहीं है ,नामुमकिन नहीं है। लेकिन हमें लापरवाही नहीं करनी होगी। हमें एक डॉक्टर या वैज्ञानिक की तरह सोच बनानी होगी ।यह डॉक्टर या वैज्ञानिक शायद हम मिलते हैं और उनके अनुभव बांटते हैं। तो हमें पता चलता है कि इतने लंबे कैरियर मैं उन्होंने कभी भी लापरवाही नहीं की, हां ..यदि किसी से हुई है तो उसको उसका भारी परिणाम चुकाना पड़ा है।

 मैंने खुद कई रेबीज जानवरों का पोस्टमार्टम किया है ।इसके अलावा कई खतरनाक बीमारियां जैसे टीवी व एनथेकस जैसी बीमारी वाले जानवरों का पोस्टमार्टम किया है ।लेकिन मैंने पोस्टमार्टम के दौरान दे गए सभी इंस्ट्रक्शन को माना है और आज 20 साल बाद भी मै बीमारी से बहुत दूर हु।इसके अलावा मैंने पैथोलॉजी लैब में कई बीमारियों के सैंपल लिये है और कई मरीजों को छूना भी पड़ा ,लेकिन मैं इनके बीमारी से दूर हूं।

 दोस्तों अगर एक हॉस्पिटल स्टाफ या वैज्ञानिक बीमारी के साथ रहता है और बीमारी से बच सकता है ।तो आप भी कर सकते हैं। हमें मास्क लगाना उसका सही ढंग से इस्तेमाल करने से हमारे को 40% तक बीमारी से बचा जा सकता है ।हमें अच्छे सें सेनेटाइजर जेल से हाथ धोना चाहिए।कपड़ों को कीटाणु नाशक से साफ करने से भी हमें 20 प्रतिशत तक बचाव करा  सकता है । कोई भी डॉक्टर वैज्ञानिक बीमारियों के समय भूखे पेट नहीं होता है। यदि हम खाना खाकर बाहर निकलते हैं। तो इससे भी बीमारियों का बचा जा सकता है।
gopihealth.blogspot
hand wash and proper hand wash can prevent infection.

 इसके अलावा सरकार द्वारा बनाए गए मोबाइल एप काफी सहायक है। हम अपने आसपास करोना मरीज को देख सकते हैं।

 दोस्तों करोना से अपने आप को बचा सकते हैं। हमें अच्छा खाना और एयुमनिटी पावर बूस्ट करने के लिए कुछ विटामिंस भी लेना चाहिए ।

मैंने आपको बताया था कि किस तरह हरबस हमारे को इंफेक्शन से बचा सकते हैं ।जैसे गिलोय, तुलसी अगर आपको इसके बारे में जानना है तो मैंने पीछे के ब्लॉक जरूर पढ़ें।

 वैसे तो आजकल टीवी अखबार में भी इसकी जानकारी दी जा रही है। दोस्तों हमारे पीने का पानी कहां में बहुत ध्यान रखना चाहिए हमें 50% बीमारियां पीने के पानी से लगती है ।आप जानते हैं हमारे देश साफ पानी सचमुच एक समस्या है। जो भी पानी साफ दिखता है  जरूरी नहीं कि साफ हो। यदि पानी में हम दो-चार किटाणु भी डाल दें तो जल्दी ही करोडो किटाणुम बन सकते है ।इसलिए हमें फिल्टर का पानी या  उबालकर पानी ही पीना चाहिए।

 दोस्तों जीवन अब रुकना नहीं चाहिए ।लेकिन जीने के लिए हमें सावधानी भी रखनी होगी ।हमारा जीवन अमूल्य है ।हर किसी का जीवन अमूल्य है। यह बात आप ध्यान रखें ।


धन्यवाद।

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