निमोनिया वैक्सीन ,भारत की छलांग।



निमोनिया वैक्सीन ,भारत की छलांग। 

एक और उपलब्धि ... 

2022

दोस्तों मैंने अपने जीवन के 50 साल में जो सबसे कठिन  से कठिन समय देखा है ,वह यह साल था ,यानी सन 2020 . 
 इस तरह का कठिन समय हर 100 साल में एक बार आता  हैं। जब पूरी दुनिया इतनी कठिनाई सहन करती है और हम बहुत सारे अपनों को खो देते हैं। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता है। हमें कुछ अच्छी आशा भी  दिखती है। जैसे समय बीत रहा है ,हम देख रहे हैं कि हम एक अच्छे भविष्य की तरह भी बढ़ रहे हैं। 


सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया 

भारत आज वैक्सीन के मामले में दुनिया में नंबर एक है। भारत की कई कंपनियां वैक्सीन बनाती हैं। लेकिन एक कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट सरकार द्वारा चलाई जाती है। इस काम में बहुत बड़ा योगदान देती है। कोविड-19 की वैक्सीन बनाने में भारत का अहम योगदान है ,यह तो आप  जानते हैं। लेकिन भारत ने एक और छलांग लगाते हुए सिरम इंस्टीट्यूट इंडिया ने निमोनिया वैक्सीन नेमोवाक्स नाम से वैक्सीन  लॉन्च कर दी है। लेकिन सामान्य तौर पर इस बुरे वक्त में कुछ अच्छी खबरें हमें बहुत अच्छी लगती हैं। जिस तरह तेज धूप में थोड़ी सी छांव में हमें बहुत रात देती है। इसी तरह ऐसी खबरें हमें बहुत खुशी देती हैं।  हेल्थ मिनिस्टर  डॉक्टर हर्षवर्धान ने इनके बारे में कई समाचार पत्रों मैं बताया है कि  नमूनिया  की वैक्सीन लॉन्च करना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। 

निमोनिया वैक्सीन  


निमोनिया वैक्सीन ,भारत की छलांग। हमारे देश में निमोनिया सचमुच एक बहुत बड़ी तकलीफ है। नमुनिया  हम उस स्थिति को कहते हैं। जब हमारे फेफड़ों में पानी भर जाता है। यह किसी बैक्टीरिया वायरस या फंकी की वजह से हो सकता है। जिससे सांस लेना काफी मुश्किल होती  है। 

निमोनिया की चार स्टेज होती हैं।  लेकिन सबसे घातक  निमोनिया कंजेक्शन को कहा जाता है।  जिससे हमारे देश में हर साल हजारों बच्चे मरते हैं ,यही नहीं पूरी दुनिया में अधिक उम्र के लोगों की मृत्यु का कारण भी  निमोनिया ही होता है।निमोनिया  से बचने के लिए कुछ खास बैक्टीरिया से निपटने के लिए वैक्सीन बहुत कारगर होगी। 

विज्ञानं 


अभी तक जो भी इसकी साइंटिफिक डिटेल है उससे लगता है बहुत कामयाब होगी हम करोना वायरस आक्रमण में निमोनिया का प्रकोप देख चुके हैं। जायदातर  मृत्यु निमोनिया के कारण  हुई है। इसमें सांस लेने में कठनाई  होती है और वायरस रोगी के फेफड़ों को म्यूकस  से लपेट  लेता है। जिससे रोगी को  सांस लेना असंभव हो जाता है। 
हमारे देश में बच्चों के लिए वेंटिलेटर की बहुत कमी है। निमोनिया का प्रकोप झेलने के लिए हमें वेंटिलेटर जैसी डिवाइस की आवश्यकता होती है। हमारे देश में वेंटीलेटर की बहुत कमी है। 

निमोनिया वैक्सीन 


निमोनिया वैक्सीन आने के बाद निमोनिया का प्रकोप कुछ कम होगा। हमारे देश के मेडिकल सिस्टम पर इंफ्रास्ट्रक्चर पर पड़ा हुआ बोझ  भी कम होगा और हजारों जान भी बचेंगी। 

 नई साल पर इस अच्छी   खबर के साथ ही विदा  लेते  हैं और अपने देश के डॉक्टर ,साइंटिस्ट और राजनेताओं का भी हम धन्यवाद करते हैं।
 दोस्तों एक सलूट  भी उनको बनता है। 

हैप्पी न्यू ईयर। 

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